GOPAL PATHA

वह योद्धा जिसने गांधी के सामने झुकने से मना किया 

कौन थे गोपाल पाठा 

गांधी के सामने आत्मसमर्पण करने से इनकार 

 1947 में गाँधी कोलकाता में आये | उन्होंने ने हिन्दुओं से मुसलमानों के प्रति भेदभाव खत्म करने के लिए कहा और अपने हथियार भी डालने के लिए अपील की गाँधी ने दो बार ऐसी ही अपील गोपाल को भी की | लेकिन वह नहीं माना | फिर उसके बाद कांग्रेस के कुछ नेताओं ने गोपाल को अपने हथियार गाँधी के पैरों में डालने को कहा लेकिन वह फिर भी नहीं माना | अंत में गाँधी के सचिव ने उससे इसका कारण पूछा तो गोपाल ने बताया कि हिन्दुओं के सम्मान की रक्षा के लिए उठाई गई एक कील भी मैं गाँधी के पैरों में नहीं रखूँगा 

 हिन्दू योद्धा जिसे भुला दिया गया जब हिंदुओं के मारे जाने की खबर उसके पास पहुंची, तो उसने अपने आदमियों को इकट्ठा किया और उन्हें जवाबी कार्रवाई करने का आदेश दिया, उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि एक हत्या के लिए, उन्हें दस हत्याएं करके बदला लेना है | बाहिनी के स्वयंसेवकों ने खुद को चाकू, तलवार, क्लीवर, लाठी और रॉड से अपने आप को हथियारबंद किया और हिन्दुओं की रक्षा के लिए आगे बड़े । गोपाल के पास कुछ ग्रेनेड और दो अमेरिकी निर्मित 0.45 बोर पिस्तौल थेगोपाल के इस आक्रमण के कारण मुस्लिम लीग ने अपने हाथ खड़े कर दिए और गोपाल पट्ठा से शांति की अपील कर डाली

गोपालचन्द्र मुखोपाध्याय का जन्म कोलकाता के बाउबाजार में मलंगा लेन के बंगाली हिंदू परिवार में हुआ था। वह क्रांतिकारी अनुकुल चंद्र मुखोपाध्याय के भतीजे थे। बचपन में उसका नाम पट्ठा पड़ गया था क्योंकि उसका परिवार मांस की दुकान चलाता था । अपने व्यवसाय के हिस्से के रूप में, उन्हें नियमित रूप से मुस्लिम व्यापारियों के साथ बातचीत करनी थी । इतिहासकार संदीप बंदोपाध्याय के अनुसार पट्ठा मुसलमानों के खिलाफ नहीं था लेकिन मुस्लिम दंगाइयों ने जब दंगा शुरू किया, तो अपने बचाव के कारण उन्हें हिंसक होना पड़ा | गोपाल ने भारत जातीया बाहिनी की स्थापना की थी जो हिन्दुओं को बंगाल में बचाने के लिए बनाई गई थी । गोपाल नेता जी सुभाषचन्द्र बोस को बहुत मानतें थे और वे मानते थे कि भारत की स्वतन्त्रता के लिए हमें अंग्रेजों से युद्ध करना ही होगा |  

हिन्दुओं का नरसंहार करते जिहादियों के ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ पर बंगाल में सशस्त्र हिन्दू प्रतिरोध के नेतृत्व का ऐसा निर्भीक चेहरा, जिससे जिहादी काँप उठते थे।

विडम्बना यह है कि अधिकांश हिन्दुओं को पता ही नहीं है कि बंगाल के हिन्दुओं का यह रक्षक है कौन??

आइए हर एक हिन्दू में गोपाल पाठा जैसे धर्मवीरों की धर्म रक्षा के संकल्प की भावना जगाएँ।

Who was Gopal Patha Gopal Patha – Such a fearless face of the leadership of the armed Hindu resistance in Bengal on the ‘Direct Action Day’ of Jihadis massacring Hindus, which made Jihadis tremble. The irony is that most of the Hindus do not even know who is the savior of the Hindus of Bengal?? Let’s inculcate in every Hindu the spirit of determination to protect the religion of religious heroes like Gopal Patha.

यही वो महान देशभक्त है जिन्होंने हिंदुओ को जगाया और बोला की अगर  मुस्लिम एक हिंदू की हत्या करते है तो आप 10 मुस्लिमों की हत्या करे ।

This is the great patriot who woke up the Hindus and said that if a Muslim kills a Hindu, then you kill 10 Muslims.

वह योद्धा जिसने गांधी के सामने झुकने से मना किया 

कौन थे गोपाल पाठा 

गांधी के सामने आत्मसमर्पण करने से इनकार 

 1947 में गाँधी कोलकाता में आये | उन्होंने ने हिन्दुओं से मुसलमानों के प्रति भेदभाव खत्म करने के लिए कहा और अपने हथियार भी डालने के लिए अपील की गाँधी ने दो बार ऐसी ही अपील गोपाल को भी की | लेकिन वह नहीं माना | फिर उसके बाद कांग्रेस के कुछ नेताओं ने गोपाल को अपने हथियार गाँधी के पैरों में डालने को कहा लेकिन वह फिर भी नहीं माना | अंत में गाँधी के सचिव ने उससे इसका कारण पूछा तो गोपाल ने बताया कि हिन्दुओं के सम्मान की रक्षा के लिए उठाई गई एक कील भी मैं गाँधी के पैरों में नहीं रखूँगा 

 हिन्दू योद्धा जिसे भुला दिया गया जब हिंदुओं के मारे जाने की खबर उसके पास पहुंची, तो उसने अपने आदमियों को इकट्ठा किया और उन्हें जवाबी कार्रवाई करने का आदेश दिया, उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि एक हत्या के लिए, उन्हें दस हत्याएं करके बदला लेना है | बाहिनी के स्वयंसेवकों ने खुद को चाकू, तलवार, क्लीवर, लाठी और रॉड से अपने आप को हथियारबंद किया और हिन्दुओं की रक्षा के लिए आगे बड़े । गोपाल के पास कुछ ग्रेनेड और दो अमेरिकी निर्मित 0.45 बोर पिस्तौल थेगोपाल के इस आक्रमण के कारण मुस्लिम लीग ने अपने हाथ खड़े कर दिए और गोपाल पट्ठा से शांति की अपील कर डाली

गोपाल पाठा –

गोपालचन्द्र मुखोपाध्याय का जन्म कोलकाता के बाउबाजार में मलंगा लेन के बंगाली हिंदू परिवार में हुआ था। वह क्रांतिकारी अनुकुल चंद्र मुखोपाध्याय के भतीजे थे। बचपन में उसका नाम पट्ठा पड़ गया था क्योंकि उसका परिवार मांस की दुकान चलाता था । अपने व्यवसाय के हिस्से के रूप में, उन्हें नियमित रूप से मुस्लिम व्यापारियों के साथ बातचीत करनी थी । इतिहासकार संदीप बंदोपाध्याय के अनुसार पट्ठा मुसलमानों के खिलाफ नहीं था लेकिन मुस्लिम दंगाइयों ने जब दंगा शुरू किया, तो अपने बचाव के कारण उन्हें हिंसक होना पड़ा | गोपाल ने भारत जातीया बाहिनी की स्थापना की थी जो हिन्दुओं को बंगाल में बचाने के लिए बनाई गई थी । गोपाल नेता जी सुभाषचन्द्र बोस को बहुत मानतें थे और वे मानते थे कि भारत की स्वतन्त्रता के लिए हमें अंग्रेजों से युद्ध करना ही होगा |  

हिन्दुओं का नरसंहार करते जिहादियों के ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ पर बंगाल में सशस्त्र हिन्दू प्रतिरोध के नेतृत्व का ऐसा निर्भीक चेहरा, जिससे जिहादी काँप उठते थे।

विडम्बना यह है कि अधिकांश हिन्दुओं को पता ही नहीं है कि बंगाल के हिन्दुओं का यह रक्षक है कौन??

आइए हर एक हिन्दू में गोपाल पाठा जैसे धर्मवीरों की धर्म रक्षा के संकल्प की भावना जगाएँ।

Who was Gopal Patha Gopal Patha – Such a fearless face of the leadership of the armed Hindu resistance in Bengal on the ‘Direct Action Day’ of Jihadis massacring Hindus, which made Jihadis tremble. The irony is that most of the Hindus do not even know who is the savior of the Hindus of Bengal?? Let’s inculcate in every Hindu the spirit of determination to protect the religion of religious heroes like Gopal Patha.

यही वो महान देशभक्त है जिन्होंने हिंदुओ को जगाया और बोला की अगर  मुस्लिम एक हिंदू की हत्या करते है तो आप 10 मुस्लिमों की हत्या करे ।

This is the great patriot who woke up the Hindus and said that if a Muslim kills a Hindu, then you kill 10 Muslims.

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