क्या है अल-तकिया?
अल-तकिया
क्या है अल-तकिया?
हमारे कुछ सर्वधर्म समभाव मानने वाले सेकुलर मुर्ख हिंदू हमेशा कहते हैं सभी मुसलमान एक जैसे नहीं होते कुछ अच्छे भी होते हैं तो उनको यह पता नहीं जो अच्छे होते हैं वह बुरे मुसलमानों से भी ज्यादा घातक होते हैं क्योंकि वह “अल तकिया” नामक जिहाद करते हैं।
आज तक आपने लव जिहाद सुना होगा जिसमें हिंदु स्त्रियों को, लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाया जाता है।
ज़मीन(land) जिहाद सुना होगा जिसमें हिंदू बस्ती में एक मुसलमान घर/दुकान लेता है जमीन लेता है उसके बाद उसके अन्य मुसलमान रिश्तेदारों को बुलाता है, और ऐसे करते हुए हिंदू बहुल क्षेत्र मुस्लिम बहुल कर देता है।
और अब आपने कोरोना जिहाद भी देखा होगा जिसमें यह मुसलमान कोरोना फैला रहे थे फल-सब्जियों,ब्रेड नोट आदि पर थूक कर, तो इन जैसे सब जिहादो से भी घातक सबसे प्रभावी जिहाद है तो यह अल तकिया
इस्लाम मे माना जाता है सबसे शक्तिशाली हथियार ‘अल-तकिया’ है
इसने इस्लाम के विस्तार में जितना योगदान दिया है उतना इनकी सैंकड़ों हजारों जिहादियों की सेनायें नहीं कर पायीं।
अल- तकिया के अनुसार यदि इस्लाम के विस्तार अथवा बचाव के लिए किसी भी प्रकार का झूठ, धोखा , द्वेष अपने वादे(वचन) से मुकर जाना काफिरों (गैर मुस्लिमों) का विस्वास जितना और उनको घात लगाकर पीछे से हमला करना यहाँ तक की कुरान की झूठी कसमे खाना – सब धर्म स्वीकृत है,और ये इनके अल्लाह का फरमान है।
अल तकिया के लिए कुरान और हदीस में कई बाते कही गयी है जिसका अनुरुप ये है। Quran (16:106), Quran (3:28), Quran (40:28), Quran (2:225), Quran (3:54), Quran (8:17), Bukhari (52:269), Bukhari (49:857), Bukhari (84:64-65), Bukhari (50:369)
ये सभी प्रणाम कुरान और हदीस से दिए गए है, कुरान और हदीस पर इस्लाम चलता है।
इन सभी का सार ये निकलता है की जब भी इस्लाम पर ऐसा संकट आ जाये की तुम कुछ ना कर सको, या जब काफिर एकजुट हो रहे हो, तुम पकडे जाने वाले हो। ऐसी तमाम परिस्तिथि में अल तकीया करो, यानि मीठी मीठी बाते करो, झूठ बोलो, काफिर के पक्ष में बात करो, ताकि काफिरो के बीच असमंजस की स्तिथि बन जाये और वो एकजुट न हो, या तुम्हारी पोल ना खुले इसके लिए इस्लाम की झूठी कसम भी खाई जा सकती है, यहाँ तक की अल्लाह और पैगम्बर की भी झूठी कसम खाई जा सकती है। हदीसों के अनुसार ये भी है की, जिहाद के लिए अगर तुम झूठ भी बोलते हो तो अल्लाह तुम्हे माफ़ कर देगा, अगर आपकी पोल खुल रही हो तो कह दो की ऐसा तो होता ही नहीं, ऐसा कहीं लिखा ही नहीं, ये गलत है , उसका हमसे कोई लेना देना नहीं
नोट :- छत्रपति शिवाजी महाराज और गुरु गोविन्द सिंह जी से भी कई मुसलमानो ने कुरान की और अल्लाह की कसम खा के तोड़ी थी वो सब अल तकीया के अनुसार ही है,अल तकीया बहुत शातिर थ्योरी है जो आप “Al Taqiyaa” गूगल कर अधिक जान सकते हैं, और क़ुरान और हदीसों से भी ये सब जानकारी आपको मिलेंगी । तो कुछ हिंदु कहते हैं ना सभी मुसलमान एक समान नहीं होते कुछ अच्छे होते हैं तो वही अच्छे मुसलमान उन बुरे मुसलमानों से भी ज्यादा घातक होते हैं। क्योंकि वह मीठा जहर खिला रहे हैं तुमसे वह अच्छे से बात करेंगे तुम्हारी सहायता करेंगे कभी-कभी हमारे हिंदू भगवानों की पूजा या फिर सम्मान भी करेंगे हमारे हिंदू त्योहारों में सम्मिलित भी होंगे हमसे अच्छे से रहकर हमारी सब जानकारी निकालेंगे और जब समय आएगा तब आपको उनका वास्तविक रंग दिखाएंगे यह 1400 साल से चलता आ रहा है। तो जागो हिंदुओं कोई अच्छा मुसलमान नहीं होता मुसलमान सिर्फ मुसलमान होता है। और मुसलमानों के लिए हिंदू सिर्फ काफिर होता है। और उस काफिर को मुसलमान बनाना या फिर मार देना यही उनका कर्तव्य होता है क़ुरान के अनुसार।