बुद्ध पूर्णिमा
बुद्ध पूर्णिमा, जिसे वेसाक या बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है, भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति (बोधि) और महापरिनिर्वाण (मृत्यु) की स्मृति में मनाया जाता है। यह बौद्ध धर्म का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है।
बुद्ध पूर्णिमा की प्रमुख विशेषताएँ
तिथि
बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार वैशाख महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अप्रैल या मई महीने में आता है। महत्व: यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जीवन के तीन महत्वपूर्ण घटनाओं को चिन्हित करता है:
जन्म
लुंबिनी में राजा शुद्धोधन और महारानी मायादेवी के यहाँ सिद्धार्थ गौतम का जन्म हुआ था।
ज्ञान प्राप्ति
बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान करते हुए सिद्धार्थ ने बुद्धत्व (ज्ञान) प्राप्त किया था। महापरिनिर्वाण: कुशीनगर में बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था।
अनुष्ठान और उत्सव
पूजा और ध्यान
बौद्ध मठों और मंदिरों में विशेष पूजा और ध्यान सत्र आयोजित किए जाते हैं। लोग बुद्ध की मूर्तियों पर फूल, धूप और मोमबत्तियाँ चढ़ाते हैं।
धम्म प्रवचन
इस दिन बौद्ध धर्मगुरु धम्म प्रवचन देते हैं और भगवान बुद्ध के उपदेशों और शिक्षाओं पर विचार-विमर्श करते हैं। प्रदक्षिणा: श्रद्धालु बुद्ध के प्रतीक चिन्हों और स्तूपों की परिक्रमा करते हैं।
दया और करुणा के कार्य
इस दिन लोग गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करते हैं और दया के कार्य करते हैं। मुफ्त भोजन वितरण और अन्य सामाजिक कार्य आम हैं।
भिक्षु संघ का भोजन
भिक्षुओं को भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान में दी जाती हैं।
स्थान विशेष उत्सव
बोधगया
यहाँ बोधि वृक्ष के नीचे बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था, इसलिए यहाँ विशेष रूप से उत्सव मनाया जाता है।
कुशीनगर
जहाँ बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था।
लुंबिनी
जहाँ बुद्ध का जन्म हुआ था।
सारनाथ
जहाँ बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।
बौद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ
Hi i think that i saw you visited my web site thus i came to Return the favore Im attempting to find things to enhance my siteI suppose its ok to use a few of your ideas
Family Dollar Very well presented. Every quote was awesome and thanks for sharing the content. Keep sharing and keep motivating others.
Thank you, we value your feedback