Rana Poonja Bhil (राणा पूंजा भील)

0

राणा पूंजा भील:-

इतिहास में आज का दिन 

5 अक्टूबर

 जन्म 5 अक्टूबर राणा पूंजा मेवाड़ के महान भील योद्धा थे, जिन्होंने हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप का साथ दिया था। युद्ध में पूंजा भील ने अपनी सारी शक्ति मातृभूमि की रक्षा के लिए झोंक दी। हल्दीघाटी के युद्ध के अनिर्णित रहने में गुरिल्ला युद्ध प्रणाली का ही चमत्कार था, जिसे पूंजा भील के नेतृत्व में काम में लिया गया।  

परिचय:- 

इतिहास में उल्लेख है कि राणा पूंजा भील का जन्म मेरपुर के मुखिया दूदा होलंकी के परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम केहरी बाई था, उनके पिताका देहांत होने के पश्चात 15 वर्ष की अल्पायु में उन्हें मेरपुर का मुखिया बना दिया गया। यह उनकी योग्यता की पहली परीक्षा थी, इस परीक्षा में उत्तीर्ण होकर वे जल्दी ही ‘भोमट के राजा’ बन गए। अपनी संगठन शक्ति और जनता के प्रति प्यार-दुलार के चलते वे वीर भील नायक बन गए, उनकी ख्याति संपूर्ण मेवाड़ में फैल गई। इस दौरान 1576 ई. में मेवाड़ में मुग़लों का संकट उभरा। इस संकट के काल में महाराणा प्रताप ने भील राणा पूंजा का सहयोग मांगा। ऐसे समय में माँ भारती के वीर पुत्र राणा पूंजा ने मुग़लों से युद्ध करने के लिए मेवाड़ के साथ अपने दल के साथ खड़े रहने का निर्णय किया। महाराणा को वचन दिया कि राणा पूंजा और मेवाड़ के सभी भील भाई मेवाड़ की रक्षा करने को तत्पर है। इस घोषणा के लिए महाराणा ने पूंजा भील को गले लगाया और अपना भाई कहा। 

हल्दीघाटी युद्ध में योगदान:- 1576 ई. के हल्दीघाटी युद्ध में राणा पूंजा ने अपनी सारी शक्ति मातृभूमि की रक्षा के लिए झोंक दी। हल्दीघाटी के युद्ध के अनिर्णित रहने में गुरिल्ला युद्ध प्रणाली का ही चमत्कार था, जिसे पूंजा भील के नेतृत्व में काम में लिया गया। इस युद्ध के बाद कई वर्षों तक मुग़लों के आक्रमण को विफल करने में भीलों की शक्ति का अविस्मरणीय योगदान रहा तथा उनके वंश में जन्मे वीर राणा पूंजा भील के इस युगों-युगों तक याद रखने योग्य शौर्य के संदर्भ में ही मेवाड़ के राजचिन्ह में एक ओर मान सिंह झाला तथा एक दूसरी तरफ भील राणा पूंजा प्रतीक अपनाया गया है। यही नहीं इस भील वंशज सरदार की उपलब्धियों और योगदान की प्रमाणिकता के रहते उन्हें ‘राणा’ की पदवी महाराणा द्वारा दी गई, अब राजा पूंजा भील ‘राणा पूंजा भील’ कहलाये जाने लगे।

Rana Poonja Bhil:- 

 Born on 5 October, 

Rana Poonja was a great Bhil warrior of Mewar, who supported Maharana Pratap in the Haldighati battle. In the war, Poonja Bhil gave all his strength to protect the motherland. The indecisiveness of the battle of Haldighati was due to the miracle of the guerrilla warfare system, which was used under the leadership of Poonja Bhil. Introduction:- It is mentioned in history that Rana Poonja Bhil was born in the family of Duda Holanki, the chief of Merpur. 

His mother’s name was Kehri Bai, after his father’s death, he was made the head of Merpur at the young age of 15 years. This was the first test of his ability, passing this test he soon became the ‘King of Bhomat’. Due to his organizational power and love for the people, he became a brave Bhil hero, his fame spread throughout Mewar. 

During this period, the crisis of Mughals emerged in Mewar in 1576 AD. During this time of crisis, Maharana Pratap sought the help of Bhil Rana Poonja. At such a time, Rana Poonja, the brave son of Mother India, decided to stand with his group in Mewar to fight the Mughals. Gave a promise to Maharana that Rana Poonja and all the Bhil brothers of Mewar are ready to protect Mewar. For this announcement Maharana embraced Poonja Bhil and called him his brother. Contribution in Haldighati war:- In the Haldighati war of 1576 AD, Rana Poonja gave all his strength to protect the motherland. The indecisiveness of the battle of Haldighati was due to the miracle of the guerrilla warfare system, which was used under the leadership of Poonja Bhil. After this war, the power of Bhils had an unforgettable contribution in thwarting the invasion of Mughals for many years and the bravery of Rana Poonja Bhil, born in his lineage, is remembered for ages in the coat of arms of Mewar. On one side, Man Singh Jhala and Bhil Rana Poonja symbol has been adopted. Not only this, in view of the authenticity of the achievements and contribution of this Bhil descendant Sardar, he was given the title of ‘Rana’ by Maharana, now Raja Poonja Bhil started being called ‘Rana Poonja Bhil’.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *