इस्लाम के 5 स्तंभ

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इस्लाम के 5 स्तंभ और उनका निवारण

मजहब के पांच “जुड़वां स्तंभ” हैं, जिन पर सारे मजहब का दारोमदार निर्भर करता है ।

1.-जजिया-जकात :- 

जेहाद तथा अल-तकिया को जारी रखने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए पैसे की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना । 

निवारण:- पूर्ण रूप से मुस्लिमों का आर्थिक बहिष्कार एवं हलाल सर्टिफाइड उत्पाद(प्रोडक्ट) का बहिष्कार  

2.- अलतकिया-जेहाद :- 

(अल-तकिया) काफिरों को जेहाद के विरुद्ध मानसिक रूप से एकजुट और तैयार होने से रोकना, इस्लाम और क़ुरान की वास्तविकता कों छुपाये रखने राष्ट्रवादी-मानवतावादी होने का ढोंग करना और (जेहाद) काफिरों को “दीन की दहशत” (कुब्बत उल इस्लाम) का लगातार अनुभव कराना । 

निवारण:-

 गैर मुस्लिमों(काफिरों) को क़ुरान की गैर मुस्लिम की हत्या का आदेश देने वाली आयते एवं इस्लाम के रक्तरंजीत इतिहास बताना एवं वर्तमान मे चल रहे जिहाद के प्रति जागरूक कर इस्लाम के विरुद्ध एकजुट करना 

3.- हलाल हराम :- 

काफिरों को आर्थिक गतिविधियों (व्यापार-व्यवसाय) से बाहर करना। उदाहरण:- पढ़ लिख कर आज हिंदू नौकारियों के पीछे भाग रहा और छोटे मोटे व्यावसाय जैसे दर्जी, मोची, नाई, भंगार,डिलीवरी आदि व्यवसाय पर मुसलमान नियंत्रण कर चुके है लग भग पूर्ण रुप से जिससे कमाया धन ज़कात में भी देते है और हिन्दुओं की रेकी भी करते है 

निवारण:- मुस्लिमों का पूर्ण रुपी आर्थिक बहिष्कार 

4.- मोमिन-काफिर:- 

मित्र और शत्रु का स्पष्ट वर्गीकरण । 

निवारण:-

 क़ुरान की सूरह 3 आयत 28 बताना जिसके अनुसार काफिरो से मित्रता ना करने का स्पष्ट निर्देश है केवल इस्लाम के विस्तार एवं जीवन व्यापन के लिए मित्रता का ढोंग(अल तकिया) करने का आदेश है, अतः मुसलमानो का पूर्ण रूप से सामाजिक बहिष्कार करना  

5.- तीन तलाक-बहु विवाह :- 

स्त्रियों को नियंत्रित कर पुरुषों को जेहाद-अलतकिया करने के लिए घर-परिवार से निश्चिंत रखना । 

निवारण:- 

गैर मुस्लिम लड़कियों को लव जिहाद के बारे मे बता जागरूक करना एवं मुसलमानो के तीन तलाक एवं बहु विवाह पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना 

यदि इनमें से “कोई भी दो स्तंभ” हिल जाएंगे तो मजहब का महल ढहने में समय नहीं लगेगा। 

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