8 October Bajrang Dal Foundation Day
बजरंग दल स्थापना दिवस:-
8 अक्टूबर 1984
बजरंग दल एक हिंदुत्व संगठन है जो विश्व हिंदू परिषद की युवा शाखा है ।
हिन्दुत्व का इस देश का पुरुषार्थ है बजरंग दल
बजरंग दल का उद्देश्य :-हिन्दू युवाओं का सामर्थ्यशाली संगठन निर्माण कर उन्हें देश सेवा एवं धर्म रक्षा हेतु सन्नद्ध एवं जागरूक करना।
ध्येय वाक्य :- राम काज किन्हें बिनु,मोहि कहाँ विश्राम।
घोष वाक्य :- जयकारा वीर बजरंगी, हर हर महादेव।
बोध – सूत्र :- सेवा,सुरक्षा,संस्कार।
बजरंग दल की कार्य पध्धति, तीन भागों में बांटा है।
1.-संगठनात्मक कार्य
2.-आंदोलनात्मक कार्य
3.-रचनात्मक कार्य
बजरंग दल का कार्य
दल का एक मुख्य लक्ष्य अयोध्या में भगवान श्री रामजन्मभूमि मन्दिर, मथुरा में भगवान श्री कृष्णजन्मभूमि मन्दिर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मन्दिर का निर्माण करना है, जो वर्तमान में विवादित पूजा स्थल हैं। बजरंग दल मुस्लिम जनसांख्यिकीय वृद्धि, ईसाई धर्मांतरण, गोहत्या और हिंदू संस्कृति में पश्चिमी प्रभाव का विरोध करता है।
बजरंग दल पर बैन क्यों लगा था ?
1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद राव सरकार द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन एक साल बाद प्रतिबंध हटा दिया गया था।
बजरंग दल के बारे में विवादास्पद बातें –
1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद राव सरकार द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन एक साल बाद प्रतिबंध हटा दिया गया था (HRW) ने 1998 के दक्षिण-पूर्वी गुजरात में ईसाइयों पर हमलों के दौरान बजरंग दल के शामिल होने की सूचना दी थी जहाँ संघ परिवार के संगठनों द्वारा दर्जनों चर्च और प्रार्थना हॉल जला दिए गए थे। अप्रैल 2006 में, बम बनाने की प्रक्रिया में नांदेड़ में बजरंग दल के दो कार्यकर्ता मारे गए थे।
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के एक समूह पर 2003 के परभानी मस्जिद विस्फोटों का आरोप था। गिरफ्तार लोगों ने पूछताछ में बताया कि वे देश भर में कई विस्फोटों का बदला लेना चाहते थे। नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (एनडीटीवी) ने बाद में नांदेड़ में एक पुलिस पर अपराध की जांच पर लीपापोती करने का आरोप लगाया।
सेकुलर सिटीजन फोरम और पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL), नागपुर की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मृतकों में से एक के घर पर मस्जिदों के नक्शे पाए गए बजरंग दल हमेशा हिंदू हित की बातें करता है । हिन्दू की आन बान शान है बजरंग दल
संघर्ष मे जन्म लेकर, सेवा , सुरक्षा ,और संस्कार तीन सूत्रों के साथ निरंतर कार्य कर रहे सभी बन्धुओ को बजरंग दल के स्थापना दिवस पर ढेर सारी बधाई व शुभकामनाएं।
जयकारा वीर बजरंगी
हर हर महादेव
Bajrang Dal Foundation Day:-
8 October 1984
Bajrang Dal is the effort of this country for Hindutva.
Objective of Bajrang Dal:-
To create a powerful organization of Hindu youth and make them engaged and aware for serving the country and protecting religion.
Motto:-
Ram’s work is for Binu, where is Mohi’s rest. Slogan sentence: Jaikara Veer Bajrangi, Har Har Mahadev.
work of bajrang dal
One of the main goals of the party is to construct Lord Shri Ram Janmabhoomi Temple in Ayodhya, Lord Shri Krishna Janmabhoomi Temple in Mathura and Kashi Vishwanath Temple in Varanasi, which are currently disputed places of worship. Bajrang Dal opposes Muslim demographic growth, Christian conversion, cow slaughter and Western influence in Hindu culture.
Why was Bajrang Dal banned?
Bajrang Dal was banned by the Rao government after the demolition of Babri Masjid in 1992, but the ban was lifted a year later.
Bajrang Dal was banned by the Rao government after the demolition of Babri Masjid in 1992, but the ban was lifted after a year (HRW) reported Bajrang Dal’s involvement during the 1998 attacks on Christians in south-eastern Gujarat where dozens of churches and prayer halls were burned by Sangh Parivar organizations. In April 2006, two Bajrang Dal workers were killed in Nanded in the process of making a bomb. A group of Bajrang Dal workers were accused of the 2003 Parbhani mosque blasts. The arrested people told during interrogation that they wanted to take revenge for several blasts across the country. New Delhi Television Limited (NDTV) later accused a police in Nanded of covering up the investigation of the crime.
A report by Secular Citizen Forum and People’s Union for Civil Liberties (PUCL), Nagpur, claimed that maps of mosques were found at the house of one of the deceased. Bajrang Dal always talks about Hindu interests. Bajrang Dal is the pride of Hindus
Bodh-Sutra:-
Service, Security, Sanskar. The working methodology of Bajrang Dal is divided into three parts.
1.-Organizational work
2.-Agitational work
3.-Creative work Many congratulations and best wishes to all the brothers who were born in struggle and are continuously working with the three principles of service, security and values on the foundation day of Bajrang Dal. Jaikara Veer Bajrangi
Everywhere Shiva.