नेताजी सुभाष चंद्र बोस पुण्यतिथि

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस 

18अगस्त 

 कथित पुण्यतिथि— आजाद हिन्द फौज के सफल सञ्चालक सुभाष चन्द्र बोस* “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा” इस घोषणा के साथ भारतीयों को प्रेरित करने वाले सुभाषचन्द्र बोस अर्थात् नेताजी का आज स्मरण दिवस है। 

स्पष्ट रूप से आज भी ये ज्ञात नहीं हुआ है कि उनकी मृत्यु कब व कैसे हुई? किन्तु सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नेताजी की मृत्यु 18 अगस्त, 1945 में एक विमान दुर्घटना में हुई थी, जिसकी याद में ये स्मृति दिवस समर्पित है।

 नेताजी 24 वर्ष की अल्पायु में इण्डियन नेशनल कांग्रेस से जुडे़ थे। राजनीति में कुछ वर्ष सक्रिय रहने के पश्चात् उन्होंने महात्मा गांधी से अलग अपना एक दल बनाया।  

 नेताजी ने देश की स्वतन्त्रता के लिए आजाद हिन्द फौज का गठन किया था। सुभाषचन्द्र बोस के क्रान्तिकारी विचारों से प्रभावित होकर कई युवा आजाद हिन्द फौज में सम्मिलित हुए और देश की स्वतन्त्रता में अपना योगदान दिया। 

सुभाषचन्द्र बोस आज भी लोगों के हृदयों में बसते हैं। इस अवसर पर जानें उनके कुछ क्रान्तिकारी विचार— 

 राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्शों सत्यम, शिवम्, सुन्दरम से प्रेरित है। 

 याद रखिये सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है। 

 जिस व्यक्ति के अन्दर ‘सनक’ नहीं होती, वो कभी महान् नहीं बन सकता; किन्तु उसके अन्दर, इसके अतिरिक्त भी कुछ और होना चाहिए। 

 जो अपनी ताकत पर विश्वास करते हैं, वो आगे बढ़ते हैं और उधार की ताकत वाले घायल हो जाते हैं। 

 हमारी यात्रा कितनी ही भयानक, कष्टदायी और बदतर हो, लेकिन हमें आगे बढ़ते रहना ही है। सफलता का दिन दूर हो सकता है, लेकिन उसका आना अनिवार्य ही है। 

 ये हमारा कर्त्तव्य है कि हम अपनी स्वतन्त्रता का मोल अपने खून से चुकाएँ। हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिले, हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए। 

 आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके। एक बलिदानी की बलिदान करने की इच्छा, ताकि स्वतन्त्रता का मार्ग बलिदानियों के खून से प्रशस्त हो सके।

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