Attack on Hindu Identity and Beliefs in the Name of Entertainment
Path-Finder February 17, 2024 4मनोरजंन के नाम पर हिंदू पहचान और मान्यताओं पर प्रहार : Attack on Hindu Identity
जिससे फ़िल्म, धारावाहिक, वेबसेरीज़, गाने आदि के माध्यम से सनातन धर्म,संस्कृत, सभ्यता, एंव इतिहास के साथ छेड़ छाड़ कर वर्तमान पीढ़ी के मन मे अपने ही धर्म के प्रति हिन भावना उत्पन्न करने वाले और उन्हें सेक्युलर बनाने वालो के षड़यंत्र को विफल कर आप राष्ट्र,धर्म और स्वयं के अस्तित्व एवं बहन,बेटियों के सम्मान की रक्षा कर सके।
सनातनी चेतना को खंडित करने के षड्यंत्र के अंतर्गत घात लगाकर हिन्दू समाज पर प्रहार किया जा रहा है। सनातनी वंशजों के मन मस्तिष्क को प्रभावित किया जा रहा है। आधुनिक युग के विस्मयकारी मोहित करने वाले वस्त्र में छुपा कर सनातनी संस्कृति की चेतना में विषयुक्त सुई निरंतर चुभोई जा रही है।
जिससे धीमा-धीमा विष सारी सनातनी चेतना को जड़वत कर दे एवं घाव कभी न भर सके। अंततः प्रहार का प्रतिकार करने की योग्यता ही समाप्त कर दी जाए।
इस षड्यंत्र में प्रहार के भिन्न-भिन्न रूप हैं। सबसे प्रमुख मनोरंजन जगत का घात है।
सिनेमा आधुनिक जगत का विलासितापूर्ण उपभोग का साधन है। यह हमारे नाट्य कला एवं मंचन विधा से पूर्णता भिन्न है। आधुनिक सिनेमा भारतीय नाट्य कला एवं मंचन विधा का विकल्प कदापि नहीं हो सकता, क्योकि भारतीय कला एवं मंचन विधा के उद्देश्य, गुणसूत्र, नियम, आचार विहार, सैद्धांतिक मूल्य सभी कुछ भिन्न हैं।
सिनेमा प्रमुख रूप से चार प्रकार के उत्पादों से जनमानस के विचार को प्रभावित करता है।
1. चलचित्र
2. धारावाहिक
3. विज्ञापन
4. आभासीलोक के मकड़जाल से निकले: यूट्यूब , प्राइम चैनल्स, नेटफिल्क्स आदि।सिनेमा के इन सभी माध्यमों का अपना अपना बड़ा दर्शक वर्ग है। बारम्बार एक ही प्रकार के विचार का दृश्यांकन हमारे मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालते हैं। हमारी दैनिक दिनचर्या, अचार-विचार में वह विशेष विचार प्रतिबिम्बित होने लगता है।
एक प्रचलित कहावत है कि सिनेमा समाज का आइना होता है। सामान्य समझ से कहे तो समाज में जो होता है सिनेमा वो ही दिखाता है। परन्तु इस कहावत का प्रभाव ठीक इसके उल्ट है। यहाँ हमे यह समझने की आवश्कयता है कि प्रतिबिम्ब आभासी होता है न की वास्तविक। यह कहावत कुशलता के साथ प्रचारित की गई, जिससे आप विरोधियों द्वारा दिए गए झूठे विचार को सच्चाई समझकर, उसे ही सत्य समझे। आभास एवं वास्तविकता के मध्य दूरी सुप्त दृष्टि से देखने पर अदृश्य लगती है, परन्तु जागृत दृष्टि से देखने पर दोनों का भेद स्पष्ट रूप से समझ आता है।
सिनेमा एक माध्यम मात्र है उसे संचालित एवं प्रभावित करने वाली शक्तियों में हिन्दू विरोधी, देश विरोधी तत्व बैठे हैं। वे सिनेमा के दर्पण को झूठे प्रतिबिम्ब खड़े करने के लिए प्रयोग कर रहे हैं। उन्ही झूठे प्रतिबिम्बों को हम हमारे समाज का प्रतिबिम्ब बता रहे हैं।
यह अत्यंत जटिल षड्यंत्र है, जो हिन्दू समाज के मूल्यों को नष्ट करने के लिए रचा जा रहा है। चलचित्र में कथा, नायक, नायिका एवं खलनायक मूल स्तंभ होते हैं। आप स्वयं निरीक्षण कीजिए सिनेमा के प्रारंभिक काल से वर्तमान समय तक आए परिवर्तन का, तब से अब तक आधुनिकता के आवरण में छुपा कर किस प्रकार सनातनी मूल्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया है।
परिवर्तन प्रकृति का नियम है। लेकिन परिवर्तन के नाम पर अपनी मूल पहचान एवं मूल्यों से समझौता कैसे किया जा सकता है। मूल पहचान एवं सनातनी मूल्यों को उसके मूल स्वरुप में ही अगली पीढ़ी को सौंपन हमारा दायित्व है। लिहाजा, कुछ उदाहरणों से समझते हैं कि कैसे मनोरजंन के नाम पर हमारे मूल्यों को निशाना बनाया जा रहा है।
धारावाहिक:
ये जादू है जिन्न का
दृश्यांकन:-
शर्मा जी के लड़के का मित्र बंटी नायिका को छेड़ता है। हिंसा करने के उद्देश्य से उस पर धावा करता है। उसका पीछा करता है। परन्तु नायक आकर उससे बचा लेता है। सवाल:- जब पूरा धारावाहिक एक विशेष पंथ की पृष्ठभूमि (जो की हिन्दू नहीं है) पर आधारित है, जिसमें हिन्दू का दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं। उसमें ‘शर्मा जी का लड़का’ चरित्र क्यों लेना पड़ा, वह भी नकारात्मक भूमिका से बॅंधा हुआ।
षड़यंत्र:-
ब्राह्मण जाति को नकारात्मक दिखाना, एक विशेष पंथ को सकारात्मक दिखाना।
धारावाहिक:-
कहाँ तुम, कहाँ हम
दृश्यांकन:-
एक पागल प्रेमी विवाहित नायिका को अपना बनाने के लिए षड्यंत्र करता है। उस पागल प्रेमी का नाम ‘महेश’ है। उसके कंठ में रुद्राक्ष एवं हाथ पर ॐ का गोदना है। नायिका का मैनेजर जिसका नाम ‘अखिल खान’ है, वह स्त्रियों के साथ सभ्य आचरण करता हुआ दिखाया जाता है। वह एक वाक्य बोलता है “क्या करे अब पंजाबी मॉम को मुस्लिम डैड से प्यार हो गया तो इसलिए ऐसा नाम “अखिल खान”। एक हिन्दू अविवाहित युवती, एक विवाहित युवक के साथ अनैतिक सम्बन्ध रखती है।
सवाल-
पागल प्रेमी का सवाल हिन्दुओं के देव महादेव के नाम पर ही क्यों रखा गया?
उसे हिन्दू चिह्नों से चित्रित क्यों किया गया? अंतरपंथीय विवाह के रूप में, पागल प्रेमी की साधारण कहानी में लव जिहाद को प्रचारित क्यों किया गया? जौहर एवं सतीत्व वाली पतिव्रता स्त्री शक्ति के राष्ट्र में, एक हिन्दू युवती को ही क्यों अनैतिक सम्बन्ध में दिखाया गया? अगर आप इतने ही पंथनिरपेक्ष हैं तो वह लड़की “ग़ैर” हिन्दू क्यों नहीं हो सकती, जबकि मुस्लिम समुदाय में एक साथ 4-4 बीबी रखने का रिवाज है।
षड्यंत्र:-
लव जिहाद को प्रसारित करना। महादेव के प्रति हिन्दू आस्था पर प्रहार करना। हिन्दू कन्याओं के सनातनी मूल्यों पर प्रहार करना।
धारावाहिक:- बेहद
दृश्यांकन:
एक बड़ा हिन्दू व्यवसायी जो माँ दुर्गा का भक्त है, कम से कम 4-5 लड़कियों का शारीरिक शोषण करता है। एक श्री कृष्ण की भक्त, हिन्दू व्यवसायी द्वारा शोषित हिन्दू नायिका प्रतिशोध लेने के लिए षड्यंत्र करती है। नायिका हर अपराध का षडयंत्र रचते समय, गीता के श्लोक बोल कर स्वयं को सही जताने का प्रयास करती है। श्री कृष्ण की शनि देव जैसी काली प्रतिमा का पूजन मोमबत्ती से करती है।
उस बड़े हिन्दू व्यवसायी से प्रतिशोध लेने के लिए, नायिका उसी के बड़े बेटे के साथ षड्यंत्र के अंतर्गत विवाह करती है और सच्चे प्रेम को दर्शाती है। बाद में उस हिन्दू व्यवसायी और नायिका के दृश्य, बहु एवं ससुर की भांति तो सहज नहीं होते। नायिका अपने देवर को भी प्रेम पाश में बाँधती है, उसे आत्महत्या पर विवश करती है।
हिन्दू व्यवसायी की पत्नी सब कुछ जानती है, लेकिन उसके लिए मात्र पैसा और रुतबा मायने रखता है। हिन्दू व्यवसायी का सबसे विश्वासपात्र एक “ग़ैर” हिन्दू नाम वाला “आमिर” है।
सवाल:-
हलाला जैसे प्रथा की पृष्ठभूमि वाली कहानी को हिन्दू आवरण क्यों पहनाया गया? गैर हिन्दू नाम “आमिर” ही विश्वासपात्र क्यों लिया गया? सतीत्व वाली पतिव्रता स्त्री एवं यशोदा माँ जैसे स्त्री शक्ति के राष्ट्र में, एक हिन्दू माँ एवं स्त्री को क्यों इतना “रुतबा” प्रेमी दिखाया गया, जो अनैतिक सम्बन्ध भी स्वीकार कर लेती है? श्री कृष्णा का पूजन दीपक के स्थान पर मोमबत्ती से कब से होने लगा, ये तो ग़ैर हिन्दू, जो क्रॉस को मानते हैं(ईसाई) उनकी रीति है। यौन शोषक माँ दुर्गा का भक्त क्यों?
षड्यंत्र:-
हलाला प्रथा की स्वीकारोक्ति बढ़ाना, हिन्दू मूल्यों के प्रति झूठ प्रचारित करना। माँ दुर्गा, श्री कृष्णा के प्रति हिन्दू आस्था पर प्रहार करना। हिन्दू स्त्रियों के सनातनी मूल्यों पर प्रहार करना। “आमिर” के मुस्लिम समुदाय को सकारात्मक दिखाना। धारावाहिक:-गुड्डन तुमसे ना हो पायेगा दृश्यांकन:- फिल्म का अधेड़ नायक 18 वर्ष की एक कन्या का पिता है, लेकिन एक 21 वर्ष की नायिका से विवाह करता है।
एक और अधेड़ हिन्दू चरित्र कलवा और रुद्राक्ष माला हाथ में पहन मदिरा पान करता है। नायक की 18 वर्षीय बेटी अपने ही परिवार के विरोध षड्यंत्र करती है। पिता के अधेड़ मित्र पर रेप का आरोप लगाकर उससे विवाह रचाती है। घर पर पत्रकार बुला कर परिवार का तिरस्कार करती है।
सवाल:-
अपवाद को छोड़े तो सामान्य परिस्थिति में इतनी आयु अंतर का विवाह हिन्दू धर्मानुसार कदापि नहीं है। मुस्लिम समुदाय में 12-13 वर्ष की बच्ची के साथ निकाह का प्रचलन अवश्य है। हिन्दू चिह्नों के साथ नकारात्मक किरदार क्यों, जबकि हिन्दू नायक कभी ऐसे चिह्नों के साथ नहीं दिखता।
षड्यंत्र:-
हिन्दू समाज और मूल्यों पर प्रहार करना। अतार्किक अनुपयुक्त अस्वीकार्य आयुभेद के विवाह का हिन्दू समाज में प्रचार करना।
धारावाहिक:- पटियाला बेब्स
दृश्यांकन:-
पंजाबी पृष्ठभूमि की कहानी है। एक स्त्री को उसका पति धोखा देता है। विदेश में दूसरा विवाह कर लेता है। सम्बन्ध विछेद होता है, वो फिर स्वाभिमान से खड़ी होती है। इसमें एक नइबी नामक मुस्लिम पड़ोसी दादी का चरित्र है। वह स्वभाव से बहुत अच्छी है और हर संभव सहायता करती है। जबकि अपनी हिंदू सास पुत्र मोह में साथ देने में विलंबर करती है। मोहल्ले की अन्य हिन्दू स्त्रियाँ भी नायिका पर ताने मारती रहती हैं।
सवाल:-
जब पंजाबी पृष्ठभूमि की कहानी है, तो उसमे नइबी नामक मुस्लिम चरित्र ही क्यों गढ़ा गया?
षड्यंत्र:-
हिन्दू अवचेतन मस्तिष्क में “ग़ैर” हिन्दू चरित्र को सकारात्मकता के साथ जोड़ना।
धारावाहिक:- नाटी पिंकी की लम्बी लव स्टोरी
दृश्यांकन:-क्या दिखाया गया है समाज को एक ब्राह्मण समाज का अध्यक्ष जो हर क्षण मर्यादा सम्मान की बात करता है, अपने परिवार की किसी भी स्त्री को अधिकार नहीं देता। यहाँ तक की अपनी माँ को भी नहीं। परिवार की स्त्रियों से अपेक्षा रखता है कि वो हमेशा एक प्रकार के बंधे हुए आचरण में ही जिए। अपनी बेटी का विवाह अपनी जाति के एक अवैध सम्बन्ध रखने वाले लालची परिवार के लड़के से करता है। अपनी बड़ी स्वर्गवासी बेटी को घर से निकाल देता है, जब वो एक दूसरी जाति के मद्रासी लड़के से प्रेम विवाह कर लेती है, कभी नहीं अपनाता।
सवाल:-
इसकी पृष्ठभूमि ब्राह्मण ही क्यों चुनी गई। क्या सामाजिक सम्मान “ग़ैर” हिन्दू समुदाय में प्रतिष्ठा विषय नहीं होता। मद्रास में ब्राह्मण नहीं होते हैं क्या। “ग़ैर” हिन्दू पंथ में जहाँ फ़ोन पर सन्देश से ही तलाक दे दिया जाता है, उस पर चुप्पी क्यों। यहाँ तक की बहु बेगम धारवाहिक में दो निकाह को भावुकता के आवरण से सिद्ध किया गया है।
षड्यंत्र:-
जिसका हिस्सा हम सब बनते जा रहें है ब्राह्मण समाज को नकारात्मक रूप में दिखाना। उत्तर भारत–दक्षिण भारत में जाति के नाम पर द्वेष बढ़ाना। पितृसत्ता का भ्रम बनाना।
धारावाहिक (नाटक):- दिल जैसे धड़के धड़कने दो
दृश्यांकन:-
क्या दिखाया गया है समाज को देवगुरु नामक चरित्र देवी को तलाश रहा। उसे अपनी देवी एक छोटी बच्ची में मिलती है। वह देवी मंत्र का छाती पर गोदना बनाकर घूमता है। एक चालाक स्त्री उसकी अनुयायी है, जो दान का दुरुपयोग करती है। उसके अधिकतर भक्त पढ़े लिखे उच्च पद के लोग हैं।
देवगुरु मासिकस्त्राव वाली स्त्री को पारम्परिक नियमों को तोड़ने के लिए बढ़ावा देता है। एक मित्र उस देवगुरु को मानसिक बीमार मानता हैं। देवगुरु छोटी बच्ची को सन्यांसी देवी बनाने को आतुर है। छोटे बच्चों का एक जोड़ा ऐसे दर्शाया जा रहा है जैसे बचपन से प्रेम का अंकुर फूट रहा है।
सवाल:-
सभी हिंदुओ से, जवाब सोचना और विचार करना देवगुरु का चरित्र सद्गुरु से मिलता जुलता ही क्यों लिया गया। हमारे तप साधना के नियम, अचार विहार आदि को इतने निम्न स्तर पर चालाकी से दिखाया गया कि ज्ञान के आभाव में दर्शक उन्हें ही सत्य मान ले। बालरूप में देवी बनाने की प्रथा जो अब समाप्त हो चुकी है उसे क्यों दिखाया जा रहा है, उस परंपरा के मूल सिद्धांत को समझे बिना ही। बच्चों के जोड़े में भाई बहन का प्रेम क्यों नहीं दिखाया जा सकता? हिन्दू मंत्रों के उच्चारण का नियम तरीका होता है, उन्हें “पॉप” गीत की भॉंति क्यों बजाना?
षड्यंत्-
जिसका हिस्सा हम सब बनते जा रहें है हिन्दू संत गुरुजन को मानसिक बीमार दिखाना। चालक चोर या राजनीति करनेवाला बता कर हिन्दू समाज में भ्रम बढ़ाना। भारतीय मूल्यों–परम्पराओं को उल्टा-सीधा प्रस्तुत कर उनका महत्व कम करना। ये तो मात्र कुछ उदाहरण हैं सनातनी समाज की चेतना पर घात करने के लिए । इस मानसिक युद्ध का प्रतिकार अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि हमारे हिन्दू समाज के एक अत्यंत छोटे धड़े में इसके लक्षण स्पष्ट दिखाई देने लगे हैं। नासूर बनने से पूर्व ही समय पर इसकी चिकित्सा अत्यंत आवश्यक है।
स्वयं के बुद्धि का उपयोग कर आप प्रत्येक फ़िल्म,वेबसेरीज़ आदि देखेंगे तो पाएंगे की इस्लाम की छवि अच्छी बनाने का प्रयास होता है ऐसा दिखाया जाता है की मुसलमान आतंकवादी केवल इसलिए बने की भारतीय सेना या हिन्दुओं ने उनके रिश्तेदारों की हत्या कर दी और क़ुरान मे गैर मुस्लिम को मारने के आदेश को नकार केवल एक आयत हर जगह उपयोग की जाती है “एक आदमी का कत्ल पूरी इंसानियत का कत्ल है” जिससे हिन्दुओं को मुर्ख बनाया जा सके और मेरा अनुभव ये बताता है की उसमे काफी हद तक वो सफल हुए है,
साथ ही गानो, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से महादेव को नशेड़ी दिखाने का प्रयास किया गया जबकि किसी शिवपुराण मे उनके गांजा या भांग पीने का कही वर्णन नहीं मिलता,समुद्र से निकले विष को जब महादेव ने पिया था तो देवताओं ने औषधि के रूप मे अन्य पदार्थो के साथ भांग का उपयोग पीड़ा मिटाने के लिए किया था किन्तु भांग और गांजे को पिने नशेड़ीयों ने महादेव को बदनाम कर दिया जिसका
लाभ अब जिहादी-ईसाई उठाते है और हमारी बहन बेटियों को लव जिहाद मे फ़साने और हिन्दुओं के धर्मान्तरण मे उपयोग करते है समय की मांग पहचान समय रहते जातिवाद, मत/भाषा/क्षेत्र का भेद ,स्वार्थ एवम् कायरता छोड़ जागो मेरे सनातनी बंधुओं अन्यथा ना राष्ट्र,धर्म का अस्तित्व बचेगा ना तुम्हारे प्राण ना बहन बेटियों की आन
गर्व से कहिए जय श्री राम
How does an Entertainment Hurt Society?
Attack on Hindu identity and beliefs in the name of entertainment:
To counter this mental war, take out 10 minutes and read it completely – So that the conspiracy of those who are creating contempt for their own religion in the minds of the present generation and making them secular by tampering with Sanatan Dharma, Sanskrit, civilization and history through films, serials, web series, songs etc.
will be foiled. By doing this you can protect the nation, religion, your own existence and the honor of your sisters and daughters. The Hindu society is being attacked in an ambush as part of a conspiracy to destroy the Sanatani consciousness. The minds of Sanatani descendants are being influenced.
A poisonous needle is continuously being pricked in the consciousness of Sanatani culture by hiding it in the astonishing and fascinating clothes of the modern era. Due to which the poison slowly and gradually paralyzes the entire eternal consciousness and the wound can never heal. Ultimately the ability to respond to an attack should be eliminated. There are different forms of attack in this conspiracy.
The most prominent is the ambush of the entertainment world. Cinema is a means of luxury consumption in the modern world. This is completely different from our theater art and staging style. Modern cinema can never be an alternative to Indian theater art and staging genre because the objectives, values, rules, conduct, theoretical values of Indian art and staging genre are all different. Cinema mainly influences public opinion through four types of products.
1. movie
2. Serial
3. Advertisement
4. Emerged from the web of virtual world: YouTube, Prime Channels, Netflix etc. All these mediums of cinema have their own huge audience. Visualizing the same thoughts repeatedly has a deep impact on our brain. That special idea starts getting reflected in our daily routine and thoughts.
There is a popular saying that cinema is the mirror of society. Generally speaking, cinema shows whatever happens in the society. But the effect of this proverb is exactly the opposite. Here we need to understand that the image is virtual and not real.
This saying was propagated skillfully, so that you would accept the false idea given by the opponents as the truth and consider it as the truth. The distance between appearance and reality appears invisible when seen with a dormant eye, but when seen with an awakened eye the difference between the two is clearly understood.
Cinema is just a medium and the forces that drive and influence it are anti-Hindu and anti-national elements. They are using the mirror of cinema to create false images. We are calling those false images as the reflection of our society. This is a very complex conspiracy, which is being hatched to destroy the values of Hindu society.
Story, hero, heroine and villain are the basic pillars of a movie. You yourself observe the change that has taken place in cinema from its initial period to the present time, how the traditional values have been distorted and presented by hiding them under the cover of modernity.
Change is the law of life. But how can our core identity and values be compromised in the name of change? It is our responsibility to hand over the original identity and traditional values to the next generation in their original form. So, let us understand with some examples how our values are being targeted in the name of entertainment.
Serial: This is the magic of the jinn
Visualization:- Sharma Ji’s son’s friend teases the heroine Bunty. Attacks him with the aim of causing violence. Chases him. But the hero comes and saves him.
Question:- When the entire serial is based on the background of a particular sect (which is not Hindu), in which Hindu has no connection even remotely. Why did the character of ‘Sharma ji’s boy’ have to be taken in it, too was tied to a negative role.
Conspiracy:- Showing Brahmin caste negatively, showing a particular sect positively.
Serial:- where you, where we
Visualization:- A crazy lover conspires to make the married heroine his. The name of that crazy lover is ‘Mahesh’. He has Rudraksh tattooed around his neck and Om tattooed on his hand. The heroine’s manager, whose name is ‘Akhil Khan’, is shown behaving decently with women. He speaks one sentence “What to do now if Punjabi mom falls in love with Muslim dad, hence the name “Akhil Khan”. A Hindu unmarried girl has an immoral relationship with a married young man.
Question- Why was the question of the mad lover named after the Hindu god Mahadev? Why was it depicted with Hindu symbols? Why was Love Jihad propagated in the simple story of a mad lover, in the form of inter-caste marriage? In a nation of women power of Jauhar and chastity, why was a Hindu girl shown in an immoral relationship?
If you are so secular then why can’t that girl be a “non” Hindu, whereas in the Muslim community there is a custom of having 4 wives together.
Conspiracy:- Spreading love jihad. Attacking Hindu faith in Mahadev. Attacking the traditional values of Hindu girls.
Serial:- Beyhadh
Visualization: A big Hindu businessman who is a devotee of Maa Durga physically exploits at least 4-5 girls. A devotee of Lord Krishna, a Hindu heroine exploited by a Hindu businessman plots revenge. While plotting every crime, the heroine tries to justify herself by quoting verses from Gita.
The black idol of Shri Krishna like Shani Dev is worshiped with a candle. To take revenge on the big Hindu businessman, the heroine marries his elder son under a conspiracy and shows true love. Later, the scenes of that Hindu businessman and the heroine are not as smooth as those of the daughter-in-law and the father-in-law.
The heroine also binds her brother-in-law in the love trap, forcing him to commit suicide. The Hindu businessman’s wife knows everything, but only money and status matter to her. The most trusted confidant of the Hindu businessman is a “non” Hindu named “Aamir”.
Question:- Why was a story based on a practice like Halala given a Hindu cover? Why was the non-Hindu name “Aamir” chosen as the confidant? In a nation of chastity-loving women and women power like Mother Yashoda,
why was a Hindu mother and woman shown to be so “status” loving, who even accepts immoral relationships? When did Shri Krishna start being worshiped with candles instead of lamps? This is the custom of non-Hindus who believe in the cross (Christians). Why is a sexual exploiter a devotee of Maa Durga?
Conspiracy:- Increasing acceptance of Halala practice, propagating lies against Hindu values. Attacking Hindu faith towards Mother Durga and Shri Krishna. Attacking the traditional values of Hindu women. To show the Muslim community of “Aamir” in a positive manner.
Serial:- Guddan Tumse Na Ho Payega
Visualization:- The film’s middle-aged hero is the father of an 18-year-old girl, but marries a 21-year-old heroine. Another middle-aged Hindu character wears Kalva and Rudraksha rosary in his hand and drinks alcohol. The hero’s 18-year-old daughter conspires against her own family. She accuses her father’s middle-aged friend of rape and marries him. She insults the family by inviting journalists to her home.
Question:- Barring exceptions, under normal circumstances marriage with such an age difference is never permissible according to Hindu religion. There is a practice of marriage with a girl of 12-13 years in the Muslim community. Why negative characters with Hindu symbols, while the Hindu hero is never seen with such symbols?
Conspiracy:- Attacking Hindu society and values. To promote illogical, inappropriate and unacceptable age discrimination marriage in Hindu society.
Serial:- Patiala Babes
Visualization:- The story is of Punjabi background. A woman is cheated by her husband. Gets married again abroad. The relationship ends and she stands up with self-respect again. It features the character of a Muslim neighbor grandmother named Naibi. She is very good natured and helps in every possible way. Whereas her Hindu mother-in-law delays in supporting her in her love for her son. Other Hindu women of the locality also keep taunting the heroine.
Question:- When the story is of Punjabi background, then why only a Muslim character named Naibi was created in it?
Conspiracy:- Associating “non” Hindu characters with positivity in the Hindu subconscious mind.
Serial:- Naati Pinky Ki Lambi Love Story
Visualization:-What is shown to the society The president of a Brahmin community who talks about dignity and respect every moment, does not give rights to any woman in his family. Not even my mother. It is expected from the women of the family that they should always live in a limited manner.
He marries his daughter to a boy from a greedy family of his own caste who has an illicit relationship. Throws his elder late daughter out of the house when she marries a Madrasi boy from another caste and never accepts him.
Question: Why was Brahmin’s background chosen? Is social respect not a matter of prestige in the “non” Hindu community? Are there no Brahmins in Madras? In the “non” Hindu sect, where divorce is given through a message over the phone, why silence on it? Even in the serial Bahu Begum, two Nikahs have been portrayed with a veil of sentimentality.
Conspiracy:-of which we are all becoming a part Showing the Brahmin community in a negative light. To increase hatred in the name of caste in North India and South India. Creating the illusion of patriarchy. Serial (Drama):- Dil Jaise Dhadke Dhadakne Do
Visualization:- What is shown to the society A character named Devguru was searching for the goddess. He finds his goddess in a little girl. He roams around with the Devi Mantra tattooed on his chest. A cunning woman is his follower, who misuses the donations. Most of his devotees are educated high-ranking people.
Devguru encourages menstruating women to break traditional rules. A friend considers that Devguru to be mentally ill. Devguru is eager to make the little girl a Sanyasi Devi. A pair of small children are depicted as if the bud of love is budding since childhood.
Serial:- Behad
Visualization: A big Hindu businessman who is a devotee of Maa Durga physically exploits at least 4-5 girls. A devotee of Lord Krishna, a Hindu heroine exploited by a Hindu businessman plots revenge. While plotting every crime, the heroine tries to justify herself by quoting verses from Gita.
The black idol of Shri Krishna like Shani Dev is worshiped with a candle. To take revenge on the big Hindu businessman, the heroine marries his elder son under a conspiracy and shows true love. Later, the scenes of that Hindu businessman and the heroine are not as smooth as those of the daughter-in-law and the father-in-law.
The heroine also binds her brother-in-law in the love trap, forcing him to commit suicide. The Hindu businessman’s wife knows everything, but only money and status matter to her. The most trusted confidant of the Hindu businessman is a “non” Hindu named “Aamir”.
Question:- Why was a story based on a practice like Halala given a Hindu cover? Why was the non-Hindu name “Aamir” chosen as the confidant? In a nation of chastity-loving women and women power like Mother Yashoda, why was a Hindu mother and woman shown to be so “status” loving, who even accepts immoral relationships?
When did Shri Krishna start being worshiped with candles instead of lamps? This is the custom of non-Hindus who believe in the cross (Christians). Why is a sexual exploiter a devotee of Maa Durga?
Conspiracy:- Increasing acceptance of Halala practice, propagating lies against Hindu values. Attacking Hindu faith towards Mother Durga and Shri Krishna. Attacking the traditional values of Hindu women. To show the Muslim community of “Aamir” in a positive manner. Serial:- Guddan Tumse Na Ho Payega
Visualization:- The film’s middle-aged hero is the father of an 18-year-old girl, but marries a 21-year-old heroine. Another middle-aged Hindu character wears Kalva and Rudraksha rosary in his hand and drinks alcohol.
The hero’s 18-year-old daughter conspires against her own family. She accuses her father’s middle-aged friend of rape and marries him. She insults the family by inviting journalists to her home.
Question:- Barring exceptions, under normal circumstances marriage with such an age difference is never permissible according to Hindu religion. There is a practice of marriage with a girl of 12-13 years in the Muslim community. Why negative characters with Hindu symbols, while the Hindu hero is never seen with such symbols.
Conspiracy:- Attacking Hindu society and values. To promote illogical, inappropriate and unacceptable age discrimination marriage in Hindu society.
Serial:- Patiala Babes
Visualization:- The story is of Punjabi background. A woman is cheated by her husband. Gets married again abroad. The relationship ends and she stands up with self-respect again. It features the character of a Muslim neighbor grandmother named Naibi. She is very good natured and helps in every possible way.
Whereas her Hindu mother-in-law delays in supporting her in her love for her son. Other Hindu women of the locality also keep taunting the heroine. Question:- When the story is of Punjabi background, then why only a Muslim character named Naibi was created in it?
Conspiracy:- Associating “non” Hindu characters with positivity in the Hindu subconscious mind.
Serial:- Naati Pinky Ki Lambi Love Story
Visualization:-What is shown to the society The president of a Brahmin community who talks about dignity and respect every moment, does not give rights to any woman in his family. Not even my mother. It is expected from the women of the family that they should always live in a limited manner.
He marries his daughter to a boy from a greedy family of his own caste who has an illicit relationship. Throws his elder late daughter out of the house when she marries a Madrasi boy from another caste and never accepts him.
Question: Why was Brahmin’s background chosen? Is social respect not a matter of prestige in the “non” Hindu community? Are there no Brahmins in Madras? In the “non” Hindu sect, where divorce is given through a message over the phone,
why silence on it? Even in the serial Bahu Begum, two Nikahs have been portrayed with a veil of sentimentality.
Conspiracy:-of which we are all becoming a part Showing the Brahmin community in a negative light. To increase hatred in the name of caste in North India and South India. Creating the illusion of patriarchy.
Serial (Drama):- Dil Jaise Dhadke Dhadakne Do
Visualization:- What is shown to the society A character named Devguru was searching for the goddess. He finds his goddess in a little girl. He roams around with the Devi Mantra tattooed on his chest. A cunning woman is his follower, who misuses the donations. Most of his devotees are educated high-ranking people.
Devguru encourages menstruating women to break traditional rules. A friend considers that Devguru to be mentally ill. Devguru is eager to make the little girl a Sanyasi Devi. A pair of small children are depicted as if the bud of love has been budding since childhood.
Question:- To all Hindus, think and ponder over why the character of Devguru was taken to be similar to that of Sadhguru. Our rules of penance practice, pickle behavior etc. were cleverly shown at such a low level that the audience, due to lack of knowledge,
accepted them as truth. Why is the tradition of creating a goddess in the form of a child, which has now ended, being shown without understanding the basic principle of that tradition? Why can’t brother-sister love be shown in pairs of children? There is a regular way of chanting Hindu mantras, why play them like a “pop” song?
Conspiracy- The part of which we all are becoming is to show Hindu saints and gurus as mentally ill. To increase confusion in Hindu society by calling the driver a thief or a politician. To reduce the importance of Indian values and traditions by presenting them in reverse. These are just some examples to attack the consciousness of Sanatani society. It is extremely necessary to counter this mental war,
because its symptoms are clearly visible in a very small section of our Hindu society. It is very important to treat the ulcer on time before it develops. Using your own intelligence, if you watch every movie, web series etc., you will find that an attempt is made to make the image of Islam good. It is shown that Muslims became terrorists only because the Indian Army or Hindus killed their relatives and in the Quran, Denying the order to kill non-Muslims,
only one verse is used everywhere “Killing of one man is killing of entire humanity” to fool Hindus and my experience shows that they have succeeded to a great extent in that. Also, through songs, social media etc., an attempt was made to show Mahadev as a drug addict, whereas there is no description of his drinking ganja or cannabis in any Shivpuran. When Mahadev drank the poison that came out of the sea, the gods treated it as a medicine.
In India, Bhang was used along with other substances to relieve pain, but the drug addicts who drank Bhang and Ganja defamed Mahadev, which is now taken advantage of by Jihadi-Christians and is used to trap our sisters and daughters in Love Jihad and convert Hindus. The need of the hour is to recognize, leave casteism,
differences of opinion/language/region, selfishness and cowardice in time. Wake up, my Sanatani brothers, otherwise neither the existence of the nation, the religion, nor your lives, nor the honour of your sisters and daughters will be saved.
Say Jai Shri Ram with Pride
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