Hiroshima Day 2022: 4000 डिग्री की गर्मी, पल भर में मरे थे 80 हजार दुनिया कभी नहीं भूल सकेगी वो मौत की बारिश,

वो मौत का मंजर जिसे सुनकर आज भी दुनिया धर्राती है 

छह अगस्त को दुनिया ‘हिरोशिमा दिवस’ के रूप में जानती है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के इस शहर पर परमाणु बम गिराया था। जापान उस वक्त भी ताकतवर था।

आज से 77 साल पहले दुनिया ने आसमान से मौत की बारिश देखी थी। तब जापान के हिरोशिमा शहर पर अमेरिका ने विश्व का पहला परमाणु हमला किया था। परमाणु बम से हिरोशिमा में 4000 डिग्री की गर्मी पैदा हुई थी, जिसने पूरे शहर को पलभर में तबाह कर दिया था। उसके बाद से परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच जंग की आशंका पैदा होती है तो शांतिप्रेमियों की रूह कांप जाती है। यूक्रेन जंग जारी है और ताइवान को लेकर चीन व अमेरिका फिर आमने-सामने हैं। ऐसे में आज हिरोशिमा दिवस को याद करना कई दृष्टि से समीचीन है। 

छह अगस्त को दुनिया ‘हिरोशिमा दिवस’ के रूप में जानती है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के इस शहर पर परमाणु बम गिराया था। जापान उस वक्त भी ताकतवर था। 1939 में शुरू हुए इस विश्व युद्ध को छह साल हो चुके थे, लेकिन जंग थमने का नाम नहीं ले रही थी। जापान लगातार हमले कर रहा था। इस पर अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराकर असह्य दर्द दे दिया। 

29 किलोमीटर तक काली बारिश 
अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 की सुबह करीब 8 बजे हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया था। धमाका होते ही 80 हजार से ज्यादा लोगों की एक झटके में मौत हो गई थी। बम से निकली 4000 डिग्री की गर्मी ने पूरे शहर का नामो निशान मिटा दिया था। इससे सब कुछ जलकर नष्ट हो गया था। दो मिनट में शहर का 80 फीसदी इलाका आग में खाक हो गया। 29 किलोमीटर के इलाके में आसमान से काली बारिश हुई। हजारों लोग परमाणु विकिरण की चपेट में आकर तिल-तिल कर मर गए।  

तीसरे दिन नागासाकी पर गिराया था दूसरा परमाणु बम
हिरोशिमा पर हमले के तीसरे दिन जापान के नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया था। अमेरिका ने 9 अगस्त 1945 को सुबह 11 बजे जब नागासाकी पर बम गिराया तो वहां पलभर में 40 हजार लोग मौत की नींद सो गए थे। परमाणु हमले के कई सालों बाद तक जापान के इन शहरों के आसपास के शहरों में परमाणु विकिरण के कारण अपंग बच्चे पैदा होते रहे। आखिरकार भारी तबाही देख जापान झुका और उसने अमेरिका के सामने सरेंडर किया और दूसरा विश्व युद्ध खत्म हुआ।

इसलिए किया था अमेरिका ने यह हमला 
दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध के वक्त जापानी सेना ने अमेरिका के नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर हमला किया था। इसके जवाब में अमेरिका  ने हिरोशिमा व नागासाकी पर हमले किए थे। परमाणु हमले के बाद हिरोशिमा व नागासाकी में 4,000 डिग्री सेल्सियस की गर्मी पैदा हुई थी।  

जापान ने लिया संकल्प पर दुनिया में परमाणु होड़ जारी


परमाणु विभीषिका झेलने के बाद जापान ने परमाणु शक्ति के शांतिपूर्ण इस्तेमाल और कभी परमाणु बम नहीं बनाने का संकल्प लिया, लेकिन दुनियाभर में परमाणु होड़ अब भी जारी है। हर साल परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ रही है। 2020 में दुनियाभर में 3,720 परमाणु बम में तैनात थे। 2021 में ये बढ़कर 3,825 हो गए। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इस्राइल और उत्तर कोरिया परमाणु रेस में शामिल माने जाते हैं। 

Hiroshima Day 2022: 4000 degree heat, 80 thousand died in a moment, the world will never forget that rain of death.

The world knows August 6 as ‘Hiroshima Day’. On August 6, 1945, during World War II, America dropped an atomic bomb on this Japanese city. Japan was powerful even then.

77 years ago today the world had seen the rain of death from the sky. Then America did the world’s first nuclear attack on Hiroshima city of Japan. The atomic bomb caused 4000 degree heat in Hiroshima, which destroyed the entire city in a jiffy. Since then, when there is a possibility of war between the countries having nuclear weapons, the soul of peace lovers trembles. Ukraine war continues and China and America are again face to face regarding Taiwan. In such a situation, remembering Hiroshima Day today is expedient from many points of view.

The world knows August 6 as ‘Hiroshima Day’. On August 6, 1945, during World War II, America dropped an atomic bomb on this Japanese city. Japan was powerful even then. It had been six years since the World War started in 1939, but the war was not taking the name of stopping. Japan was continuously attacking. On this, America gave unbearable pain by dropping atomic bomb on Hiroshima of Japan.

Black rain up to 29 kilometers

The US dropped an atomic bomb on Hiroshima at around 8 am on August 6, 1945. As soon as the explosion took place, more than 80 thousand people had died in one stroke. The 4000 degree heat emanating from the bomb had erased the name of the entire city. Everything was destroyed by fire. In two minutes, 80 percent of the city’s area was destroyed in the fire. Black rain fell from the sky in an area of ​​29 km. Thousands of people died after coming under the grip of nuclear radiation.

Second atomic bomb was dropped on Nagasaki on the third day

On the third day after the attack on Hiroshima, the second atomic bomb was dropped on Nagasaki, Japan. When America dropped the bomb on Nagasaki on August 9, 1945 at 11 am, 40 thousand people fell asleep there in a moment. For many years after the atomic attack, children with disabilities due to nuclear radiation continued to be born in the cities around these cities of Japan. Eventually, seeing the huge devastation, Japan bowed down and surrendered to America and the Second World War ended.

That’s why America did this attack

In fact, during World War II, the Japanese army attacked the US naval base at Pearl Harbor. In response, America had attacked Hiroshima and Nagasaki. After the nuclear attack, 4,000 degree Celsius heat was generated in Hiroshima and Nagasaki.

Japan vows to continue nuclear race in the world

After facing the nuclear holocaust, Japan resolved to make peaceful use of nuclear power and never make an atomic bomb, but the nuclear race is still going on around the world. The number of nuclear weapons is increasing every year. In 2020, there were 3,720 nuclear warheads deployed worldwide. In 2021, these increased to 3,825. America, Russia, Britain, France, China, India, Pakistan, Israel and North Korea are considered to be involved in the nuclear race.

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