श्रीमद्भगवद्गीता v/s कुरान

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geetaji v/s quran

श्रीमद्भगवद्गीता और कुरान में अंतर 

जो तथाकथित सेक्युलर कथावाचक/आम लोग अज्ञानता वश या जानबूझकर सर्व धर्म समभाव की शिक्षा देते हैं और गीता जैसे महान ग्रंथ और कुरान किताब में समानता देखते हैं, वो कुरान की शिक्षाओं को एक बार पढ़ व जान तो लें उनका सारा भ्रम एक झटके में दूर हो जाएगा। 

कुरान की आयतें क्या देती हैं हिदायतें?

1) बहन से शरीरिक सम्बन्ध का फरमान :- कुरान सूरा 33 की आयत 50 

2) पुत्रबधू / बहू से शरीरिक सम्बन्ध जायज़ :- कुरान सूरा 33 की आयत 36 और 37 

3) मुसलमानों को नई और अच्छी औरतें सप्लाय करते अल्लाह :- 66 :5, 4 :34

4) जन्नत मे हूर और गिलीमा (लड़के) सप्लाय करते अल्ला :- 3 :28, 56 :17,

5) औरत तुम्हारी खेती हैं, जैसे मन करे जोतो :- कुरान सूरा 2 आयत 223

6) औरत की छड़ी से पिटाई का फरमान :- 38 :44 & 4:34 

7) “हलाला” से औरत को वेश्या बनाने का फरमान :- कुरान सूरा 2 आयत 230H

8) युद्ध मे पकड़ी गईं काफिरों की औरतों को लौंडियाँ (Whore)बनाने का फरमान :- 33 :52 , 70 :30, 23:6,

9) पुरुषों को स्त्रियों से ऊंचा दर्जा प्राप्त है :- 2 :228, 4 :34

10)  आस-पास के सभी काफिरों से लड़ते रहो-उन्हे घेरो, कत्ल करो :- 8:12,8:39, 8 :60, 9 :5, 2 :191-194 

11) काफिरों से मुसलमान दोस्ती न रखे, वरना अल्लाह नाराज :- 3:28

12) काफिरों को नरक की आग मे जलाने,कष्ट देने वाला अल्ला :- 9 :73, 2:114

13) माँ बाप और भाइयों को अपना मित्र नहीं बनाना यदि वह मुसलमान नहीं बनते :- 9 :23, 58 :22

14) क्रिश्चियन और यहूदी से दोस्ती नहीं करने और हत्या का फरमान :- 5:51 & 9:29 ….

अब कोई  ”all religions are same” , ”सभी धर्मपुस्तकें एक ही बात सिखाती हैं” आदि का रट्टा मारता दिखे तो उसे भी थोड़ा समझाइयेगा कि एक मजहब व धर्म के बीच कितना गहरा अंतर है।

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