What was Operation Gulmarg?
कैसे हुआ कश्मीर का विलय ?
पाकिस्तान की नीच हरकत
क़ाबिलियों का आक्रमण
क्या था ऑपरेशन गुलमर्ग
22 अक्टूबर ब्लैक डे
आज ही के दिन पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तान के कबिलाइयो के साथ मिलकर किया था जम्मू कश्मीर पर आक्रमण, तब मीरपुर, बारामुला, और मुज्जफराबाद आदि में हजारों हिन्दुओ सिखों का भीषण नरसंहार किया गया था, हजारो माताओ बहनो के साथ हुई बर्बरता।
क्या था ऑपरेशन गुलमर्ग
पाकिस्तानी सेना ने 22 अक्टूबर, 1947 को ‘ऑपरेशन गुलमर्ग’ नाम से पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर सैन्य हमला किया। वह ऑपरेशन गुलमर्ग की तैयारी महीनों से कर रहा था।
15 अगस्त, 1947 के बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में जरूरत के बहुत से सामान की सप्लाई बंद कर दी थी, जिससे वहां के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो गई थी। उसने पश्चिम पंजाब से तेल, खाना, नमक, चीनी और कपड़ों की सप्लाई रोक दी थी। पाक ने पोस्टल सेवा भी बंद कर दी थी, पश्चिम पंजाब बैंक की चेक पर भुगतान नहीं होता था। बैंकों में लेनदेन असंभव हो गया था। पोस्टल सर्टिफिकेट पर नकद मिलना असंभव हो गया था। पश्चिम पंजाब बैंक की चेक पर भुगतान नहीं होता था। इंपीरियल बैंक की शाखाओं की चेक पर भी नकद मिलना मुश्किल हो गया था। जम्मू-कश्मीर के साथ पाकिस्तान के विश्वासघात की यही कहानी है।
इस षड्यन्त्र में किसका हाथ था ?
निर्दोष लोगो की मौत के पीछे किसका हाथ
इस षड्यंत्र में न केवल पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री, बल्कि उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत के मुख्यमंत्री, पाकिस्तान के वित्त मंत्री, मुस्लिम लीग के मुख्य नेता और पाकिस्तानी सेना के अधिकारी शामिल थे।
बर्बर क़त्लेआम में किसका हाथ
मुस्लिमों के मसीहा जिन्ना ने दी थी क़त्लेआम की इजाज़त
स्वंय जिन्ना ने इस ऑपरेशन को मंजूरी दी थी। तत्कालीन मेजर खुर्शीद अनवर ने श्रीनगर पर हमले के लिए उत्तर-पश्चिमी सीमांत प्रांत के कबीलाइयों का नेतृत्व किया था। शुरू में हथियारबंद दस्ते कोहाला-बारामुला रोड पर गांवों को उजाड़ते हुए तेजी से आगे बढ़े। उन्होंने उड़ी को अपने कब्जे में ले लिया। 26 अक्टूबर को बारामुला पर भी कब्जा कर लिया। वहां वे आगजनी, लूट-खसोट और दुष्कर्म में लग गए। बहुत-सी लड़कियों, औरतों को जबरन उठा लिया। उनमें से कुछ ही बचाई जा सकीं। पाकिस्तान के आम नागरिकों को पेट्रोल मिलना असंभव हो रहा था, वहीं कबीलाइयों को यह आसानी से उपलब्ध था। उस समय पाकिस्तानी सेना द्वारा उत्तर-पश्चिम प्रांत में मोटर गाड़ियों का आवागमन नियंत्रित कर दिया गया था। यहां भी हमलावरों की गाड़ियों को छूट मिली हुई थी। किसी तरह की टूट-फूट होने पर उनकी गाड़ियों की मरम्मत रावलपिंडी के वर्कशॉप में होती थी।
क़ाबिलियों के पास कहाँ से आए आधुनिक हथियार ?
कश्मीर में हमलावरों ने जिन आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया, वे भी पाकिस्तानी सेना के थे। हमलावरों के हथियारों में मशीनगन, मोर्टार, माइंस, सिग्नल के उपकरण और वायरलेस सेट भी शामिल थे। इनकी संख्या भारतीय और कश्मीर राज्य की सेनाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों से कहीं अधिक थी। हमलावरों के रेडियो संदेशों में इस्तेमाल किए जाने वाले कोड वैसे ही थे, जिनका इस्तेमाल विभाजन से पहले भारतीय सेना करती रही थी। छुट्टी का दिखावा करते हुए पाकिस्तानी सेना के अनेक अधिकारी और सैनिक हमलावरों के साथ मिलकर उनकी मदद कर रहे थे।
बर्बर नरसंहार को देखकर कश्मीर के राजा ने लगाई मदद की गुहार
24 अक्तूबर
कश्मीर के महाराजा ने 24 अक्टूबर को मदद के लिए भारत सरकार से संपर्क किया। फिर औपचारिक रूप से अपने राज्य का भारत में विलय किया।
भारतीय वायुसेना ने ली कमान
27 अक्टूबर की सुबह भारतीय सेना की पहली टुकड़ी श्रीनगर हवाईअड्डे पर उतरी। आठ नवंबर को भारतीय सेना ने बारामुला पर वापस कब्जा कर लिया। उस समय तक शहर पूरी तरह से उजड़ चुका था। 15 नवंबर को भारतीय सेना ने उड़ी को वापस हासिल किया और हालात गंभीर होने से पहले ही श्रीनगर, घाटी और उसके आसपास के इलाकों को बचा लिया।
जवाहरलाल नेहरू की गलती
अगर नेहरू UN न जाते तो हमारी सेना उन इलाकों को भी स्वंत्रत करवा देती जो आज पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में आता है और यही वो इलाके थे जहा कश्मीरियो हिन्दुओ का सबसे अधिक नरसंहार हुआ था।
युद्ध के असली महानायक
इस युद्ध मे मेजर सोमनाथ शर्मा जी को परमवीर चक्र मिला था और साथ ही लांस नायक करम सिंह, सेकंड लेफ्टनेंट रामा राघोबर राणे, नायकजादुनाथ सिंह और कंपनी कमांडर पीरू सिंह जी आदि शूरवीरो ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।
How did Kashmir merge?
Despicable act of Pakistan invasion of Cabalites
What was Operation Gulmarg?
22 October Black Day
On this very day, the Pakistani Army along with the tribals of Pakistan had attacked Jammu and Kashmir, then a gruesome massacre of thousands of Hindus and Sikhs was carried out in Mirpur, Baramulla, and Muzaffarabad etc. Thousands of mothers and sisters were brutalized.
What was Operation Gulmarg?
On October 22, 1947,
Pakistan launched a military attack on Jammu and Kashmir in the name of ‘Operation Gulmarg’. He had been preparing for Operation Gulmarg for months. After August 15, 1947, Pakistan had stopped the supply of many essential commodities to Jammu and Kashmir, due to which the daily life of the people there was badly affected. He had stopped the supply of oil, food, salt, sugar and clothes from West Punjab. Pakistan had also stopped postal service, payment was not made on checks of West Punjab Bank. Transactions in banks had become impossible. It had become impossible to get cash on postal certificates. Payment was not made on the check of West Punjab Bank. It became difficult to get cash even on checks from Imperial Bank branches. This is the story of Pakistan’s betrayal of Jammu and Kashmir.
Who had a hand in this conspiracy?
Who is behind the death of innocent people?
This conspiracy involved not only the then Prime Minister of Pakistan, but also the Chief Minister of the North-West Frontier Province, the Finance Minister of Pakistan, key leaders of the Muslim League and officers of the Pakistani Army.
Who was involved in the barbaric massacre?
Jinnah, the messiah of Muslims, had given permission for the massacre. Jinnah himself had approved this operation. The then Major Khurshid Anwar had led the tribes of the North-West Frontier Province to attack Srinagar. Initially the armed squads advanced rapidly, destroying villages on the Kohala-Baramulla road. He captured Uri. Baramulla was also captured on 26 October. There they engaged in arson, looting and rape. Many girls and women were forcibly taken away. Only a few of them could be saved. It was becoming impossible for ordinary citizens of Pakistan to get petrol, whereas it was easily available to the tribals. At that time the movement of motor vehicles in the North-West Province was controlled by the Pakistani Army. Here also the vehicles of the attackers were given exemption. In case of any breakdown, his vehicles were repaired in the workshop in Rawalpindi.
Where did the Kabyles get modern weapons from?
The modern weapons used by the attackers in Kashmir also belonged to the Pakistani Army. The attackers’ weapons also included machine guns, mortars, mines, signal equipment and wireless sets. Their numbers far exceeded the equipment used by the Indian and Kashmir State armies. The codes used in the attackers’ radio messages were the same as those used by the Indian Army before Partition. Pretending to be on holiday, many officers and soldiers of the Pakistani Army were helping the attackers.
Seeing the barbaric massacre, the king of Kashmir appealed for help 24 October The Maharaja of Kashmir contacted the Indian government for help on 24 October. Then formally merged his state with India.
Indian Air Force took command On the morning of 27 October, the first contingent of the Indian Army landed at Srinagar airport. On November 8, the Indian Army recaptured Baramulla. By that time the city was completely destroyed. On 15 November, the Indian Army recaptured Uri and saved Srinagar, the valley and its surrounding areas before the situation became critical.
Jawaharlal Nehru’s mistake
If Nehru had not gone to UN, our army would have liberated those areas which today fall in Pakistan occupied Jammu and Kashmir and these were the areas where the maximum massacre of Kashmiri Hindus took place. real heroes of war In this war, Major Somnath Sharma ji received the Paramvir Chakra and along with it, other brave souls like Lance Naik Karam Singh, Second Lieutenant Rama Raghobar Rane, Naik Jadunath Singh and Company Commander Piru Singh ji made the supreme sacrifice.