Will the Muslims of Bharat ever be loyal to Bharat?
हामिद अंसारी भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हैं, जिन्होंने 2007 से 2017 तक यह पद संभाला। उनका पूरा नाम मोहम्मद हामिद अंसारी है और उनका जन्म 1 अप्रैल 1937 को कोलकाता में हुआ था। वे एक अनुभवी राजनयिक और राजनीतिज्ञ हैं।
उनके जीवन की प्रमुख विशेषताएँ और करियर के बारे में जानकारी निम्नलिखित है
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
हामिद अंसारी का जन्म एक प्रतिष्ठित मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे। हामिद अंसारी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट एडवर्ड्स स्कूल, शिमला से प्राप्त की और उसके बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) से स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
राजनयिक करियर
हामिद अंसारी एक कुशल और अनुभवी राजनयिक रहे हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत भारतीय विदेश सेवा (IFS) से 1961 में की। उन्होंने कई महत्वपूर्ण देशों में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, अफगानिस्तान, सऊदी अरब, और ईरान शामिल हैं। वे संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि भी रहे हैं।
उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल
हामिद अंसारी 2007 में भारत के 12वें उपराष्ट्रपति बने। उन्हें 2012 में पुनः इस पद पर चुना गया। हामिद अंसारी लगातार दो कार्यकाल पूरे किए। अपने कार्यकाल के दौरान वे राज्यसभा के सभापति भी रहे, जहां उन्होंने विभिन्न संवैधानिक मुद्दों और राजनीतिक सवालों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कई महत्वपूर्ण लेख और किताबें लिखी हैं। उनका लेखन मुख्य रूप से विदेश नीति, समाज और धर्मनिरपेक्षता जैसे विषयों पर आधारित है। हामिद अंसारी ने भारतीय अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुस्लिम समुदाय के अधिकारों और उनकी स्थिति पर कई बार अपने विचार रखे हैं।
विरोधाभास और आरोप
हामिद अंसारी के करियर के दौरान कुछ विवाद और आरोप भी उभरे हैं
राष्ट्रवाद पर टिप्पणियाँ
हामिद अंसारी ने समय-समय पर भारतीय समाज में मुसलमानों की स्थिति और अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार पर टिप्पणियाँ की हैं, जिससे कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों ने उन्हें ‘राष्ट्रविरोधी’ ठहराने का प्रयास किया।
2015 में भारत छोड़ने की टिप्पणी
हामिद अंसारी ने एक इंटरव्यू में अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुस्लिम समुदाय के संदर्भ में कहा कि उन्हें कुछ सामाजिक और राजनीतिक चिंताओं का सामना करना पड़ रहा है। इस टिप्पणी के बाद उनके खिलाफ आलोचनाएं आईं, जिसमें कहा गया कि उन्होंने भारत में सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया।
संघ परिवार और भाजपा के आरोप
भाजपा और उससे जुड़े संगठनों ने अंसारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने उपराष्ट्रपति रहते हुए भारतीय संस्कृति और धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाए और हमेशा मुस्लिम समुदाय का पक्ष लिया। उनका यह भी आरोप था कि अंसारी ने अपने कार्यकाल के दौरान राज्यसभा में भाजपा से जुड़े सदस्यों को उचित मंच नहीं दिया।
पाकिस्तान में एक विवादित बयान
उपराष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्ति के बाद, जब वे पाकिस्तान में एक मंच पर गए, तो वहाँ दिए गए कुछ बयानों को लेकर भी विवाद हुआ। हामिद अंसारी के बयानों को भारतीय मीडिया और राजनीतिक दलों ने गलत संदर्भ में उठाया और उनके खिलाफ आलोचना की गई।
रॉ एजेंट्स को मरवाने के आरोप
1980 के दशक में जब ये ईरान में भारत के राजदूत की भूमिका में थे तब इन्होंने भारत के रॉ एजेंट्स को जानकारी लीक करवाई और बाद में वो सभी मारे गए।
भारत विरोधी एक पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को हामिद अंसारी बार बार भारत बुलाते है UPA राज में की ये चीजे इनकी देशभक्ति को उजागर नहीं करती है?
क्या उपराष्ट्रपति पद पर रहते हुए किसी को ऐसे बयान देना शोभा देता है ? क्या भारत के मुसलमानों की वफादारी कभी भारत के प्रति भी होगी ?
Hamid Ansari is the former Vice President of India, who held the position from 2007 to 2017. His full name is Mohammad Hamid Ansari and he was born on 1 April 1937 in Kolkata. He is an experienced diplomat, scholar, and politician.
Following are the key highlights of his life and information about his career
Early life and education
Hamid Ansari was born in a distinguished Muslim family. His grandfather Dr. Mukhtar Ahmed Ansari was a prominent leader of the Indian freedom struggle and the President of the Indian National Congress. Hamid Ansari received his early education from St. Edwards School, Shimla and then he obtained his undergraduate and postgraduate degrees from Aligarh Muslim University (AMU).
Diplomatic career
Hamid Ansari has been an efficient and experienced diplomat. He began his career with the Indian Foreign Service (IFS) in 1961. He served as India’s ambassador to several important countries, including the United Arab Emirates, Afghanistan, Saudi Arabia, and Iran. He has also been India’s Permanent Representative to the United Nations.
Tenure as Vice President
Hamid Ansari became the 12th Vice President of India in 2007. He was re-elected to the post in 2012. He completed two consecutive terms. During his tenure, he was also the Chairman of the Rajya Sabha, where he played an important role on various constitutional issues and political questions. Scholar and writer: Ansari is also a scholar who has written many important articles and books. His writings are mainly based on topics like foreign policy, society and secularism. He has expressed his views many times on the rights and status of Indian minorities, especially the Muslim community.
Controversies and allegations
Some controversies and allegations have also emerged during Hamid Ansari’s career.
Comments on nationalism
Hamid Ansari has from time to time commented on the status of Muslims in Indian society and the treatment meted out to minorities, due to which some political parties and organizations tried to label him ‘anti-national’.
Comment on leaving India in 2015
Ansari, in an interview, said that minorities, especially the Muslim community, are facing certain social and political concerns. After this comment, there was criticism against him, which said that he promoted communalism in India.
Allegations of Sangh Parivar and BJP
BJP and its affiliated organizations’ accused Ansari that while being the Vice President, he questioned Indian culture and secularism and always sided with the Muslim community. They also alleged that Ansari did not give proper platform to BJP-affiliated members in the Rajya Sabha during his tenure.
A controversial statement in Pakistan
After retirement from the post of Vice President, when he went to a forum in Pakistan, there was controversy over some of the statements made there. His statements were taken out of context by the Indian media and political parties and criticism was levelled against him.
Allegations of killing RAW agents
In the 1980s, when he was in the role of India’s ambassador to Iran, he leaked information to India’s RAW agents and later all of them were killed.
Ansari repeatedly invites anti-India Pakistani journalist Nusrat Mirza to India during the UPA rule. Don’t these things highlight his patriotism?
Is it appropriate for someone to make such statements while holding the post of Vice President? Will the Muslims of Bharat ever be loyal to Bharat?
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