श्रीराममंदिर भूमि पूजन
आप सभी सनातनियो को हिंदू गौरव दिवस अर्थात श्रीराममंदिर भूमि पूजन दिवस की ढेरों शुभकामनाएं।
आज के इस शुभ व ऐतिहासिक दिन पर सभी अपने घरों में दीपक अवश्य जलाये।
जय श्री राम
कल्याण सिंह
राम मंदिर अभियान के लिए कल्याण सिंह ने उत्तर प्रदेश में बड़ा जन-जागरण अभियान चलाया था। 1990 में मंदिर के लिए यूपी में दौरा किया। राम मंदिर के लिए उनकी प्रतिबद्धता सब चीजों से बड़ी थी
कुर्सी की परवाह नहीं की, सीएम पद से दिया इस्तीफा
कल्याण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर वादा किया था कि वह बाबरी मस्जिद की सुरक्षा करेंगे लेकिन वह अपना वादा निभा नहीं पाए। छह दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को गिरा दिया। कल्याण सिंह जानते थे कि इसके बाद उनकी सरकार बच नहीं पाएगी, उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा। इससे पहले कि केंद्र सरकार उनकी सरकार बर्खास्त करती, उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो छह दिसंबर के दिन के हालात की जानकारी कल्याण सिंह तक पहुंच रही थी। बाबरी मस्जिद के पास भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात थे। हालात नियंत्रण से बाहर जाने पर सुरक्षा अधिकारियों ने कारसेवकों पर गोली चलाने की इजाजत मांगी थी लेकिन उन्होंने गोली चलाने की इजाजत नहीं दी।
अयोध्या की 67.73 एकड़ जमीन पर भव्य राम मंदिर के साथ शहीद स्तम्भ भी बनेगा, जिसके जरिए मंदिर निर्माण के लिए शहीद कारसेवकों को श्रद्धांजलि देने के साथ सदा के लिए उनका नाम मंदिर परिसर से जुड़ जाएगा। इस स्तम्भ में शरद कोठारी और रामकुमार कोठारी-कोलकत्ता, वासुदेव गुप्ता, राजेन्द्र धरकार, रमेश पांडेय-अयोध्या जैसे अनेक शहीद कारसेवकों के नाम दर्ज किए जाएंगे, जिनकी 1989 और 1992 के आंदोलन में जान गई।
इनके अलावा राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई करने वाले दाऊ दयाल खन्ना- मेरठ, विजय राजे सिंधिया- ग्वालियर, परमहंस रामचंद्र दास- अयोध्या, महंत अवैद्यनाथ- गोरखपुर, स्वामी वामदेवजी महाराज- वृंदावन, रज्जू भैय्या- प्रयागराज, मोरोपंत पिंगले- नागपुर, कुपसी सुदर्शन- नागपुर, अशोक सिंहल- प्रयागराज, आचार्य गिरिराज किशोर- दिल्ली, ओंकार भावे- दिल्ली, मफल सिंह- दिल्ली, जगद्गुरू पुरूषोत्तमाचार्य- अयोध्या, महेश नारायण सिंह- अयोध्या, श्रीषचन्द्र दीक्षित- लखनऊ, ठाकुर गुरजन सिंह- प्रयागराज, ओम प्रकाशजी- लखनऊ, बीएल शर्मा “प्रेम”- दिल्ली, देवकीनंदन अग्रवाल- प्रयागराज समेत तमाम वरिष्ठ पदाधिकारियों के नाम की पट्टिका भी लगेगी।
विहिप के अवध प्रांत के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में जिन लोगों ने कुर्बानी दी है, उनको श्रद्धांजलि देने का यह एक बेहतर तरीका है। कारसेवकों ने घर परिवार की फिक्र न करते हुए अपने आप को भगवान राम को समर्पित कर दिया। विहिप सूत्रों का कहना है कि मंदिर निर्माण के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले कारसेवकों और आंदोलन को नेतृत्व देने वाले महापुरुषों के लिए स्तम्भ का निर्माण होगा।