CDS Bipin Rawat Ji
A great personality
Bipin Rawat was born on March 16, 1958 in Pauri Garhwal, Uttarakhand.
Bipin Rawat received his early education at Cambrian Hall School in Dehradun and St. Edward’s School, Shimla and joined the National Defense Academy, Khadakwasla and the Indian Military Academy, Dehradun, where he was awarded the ‘Sword of Honour’.
In the year 1978, Bipin Rawat was selected for commission in the 5th Battalion of the 11th Gorkha Rifles after passing out from the ‘Indian Military Academy’ in Dehradun.
Before coming to the post of Army Chief, General Bipin Rawat also took over as the Commander of the Southern Command and the Chief of the Army Staff.
Along with taking command of Multinational Brigade in Congo, he was also given responsibility on important posts like Secretary General and Force Commander in UN Mission.
Many articles written by him on national security have been published in many journals around the world.
He was awarded Doctorate of Philosophy by Chaudhary Charan Singh University, Meerut for his research on Military Media Strategic Studies.
On his visit to the United States in the year 2019, General Rawat was inducted into the United States Army Command and General Staff College International Hall of Fame.
He was also an Honorary General of the Nepali Army.
The post of CDS in the year 2019, Lt. Gen. D.B. It was formed on the recommendations of a committee of defense experts headed by Shekatkar.
General Bipin Rawat was the first CDS of the country and was appointed on December 31, 2019.
He has been awarded Param Vishisht Seva Medal, Uttam Yudh Seva Medal, Ati Vishisht Seva Medal, Yudh Seva Medal, Sena Medal, Vishisht Seva Medal, COAS Commendation, Army Commander Commendation etc.
On December 8, 2021, CDS General Bipin Rawat passed away in a helicopter crash in Coonoor, Tamil Nadu.
CDS बिपिन रावत
एक महान सख़्सियत
बिपिन रावत का जन्म उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल में 16 मार्च, 1958 को हुआ था।
बिपिन रावत ने अपनी शुरुआती शिक्षा देहरादून के कैम्ब्रियन हॉल स्कूल और सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला में प्राप्त की और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में शामिल हो गए, जहाँ उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर’ से सम्मानित किया गया।
वर्ष 1978 में बिपिन रावत को देहरादून स्थित ‘इंडियन मिलिट्री एकेडमी’ से पास आउट होने पर 11वीं गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में कमीशन के लिए चयनित किया गया था।
सेना प्रमुख के पद पर आने से पहले जनरल बिपिन रावत ने दक्षिणी कमान के कमांडर और सहसेनाध्यक्ष का पदभार भी संभाला।
उनको कांगो में मल्टीनेशनल ब्रिगेड की कमान संभालने के साथ-साथ यूएन मिशन में सेक्रेटरी जनरल औऱ फोर्स कमांडर जैसे महत्त्वपूर्ण पदों पर भी जिम्मेदारी दी गई।
उनके द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा पर लिखे गए अनेकों लेख दुनिया भर के कई जर्नल्स में प्रकाशित किए जा चुके हैं।
सैन्य मीडिया सामरिक अध्ययन पर उनके शोध के लिए उन्हें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया था।
वर्ष 2019 में संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा पर जनरल रावत को यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड और जनरल स्टाफ कॉलेज इंटरनेशनल हॉल ऑफ फ़ेम में शामिल किया गया था।
वह नेपाली सेना के मानद जनरल भी रहे थे।
CDS का पद वर्ष 2019 में लेफ्टिनेंट जनरल डी.बी. शेकातकर की अध्यक्षता में रक्षा विशेषज्ञों की समिति की सिफारिशों पर बनाया गया था।
जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS थे और उन्हें 31 दिसंबर, 2019 को नियुक्त किया गया था।
उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक, सेना पदक, विशिष्ट सेवा पदक, सीओएएस कमेंडेशन, आर्मी कमांडर कमेंडेशन आदि से सम्मानित किया गया हैं।
8 दिसंबर, 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत का एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया।