क्या कहना है वन प्रेमी और वहाँ के ऑफिसियल का कहना है कि ये सब एक पूँजीपति को लाभ पहुँचाने के लिए किया गया है ।
हसदेव अरण्य में जब पेड़ों की कटाई शुरू हुई तो पुलिस जवानों की तैनाती की गई थी।इसके अलावा जो पर्यावरण प्रेमी है उनके नजरबंद किया गया था।
इसी में से एक छत्तीसगढ़ बचाव संगठन के प्रमुख आलोक शुक्ला ने ट्विटर पर हसदेव को बचाने के लिए
अभियान चला रहे है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि ये विनाश सिर्फ एक पूंजीपति की जिद के लिए है, जो हसदेव से ही कोयला निकालकर मुनाफा कमाना चाहता है।जो हसदेव असंख्य जीव, जंतुओं का घर है, हमारी सांसें जिससे चलती हैं, उसका ऐसा विनाश, प्रकृति कभी माफ नहीं करेगी।